उलझने हैं भरी दिख रहा जुनून है
सामने तू है नहीं लेकिन तू जरूर है
याद है तेरी बस यादों का ही कुसूर है
न जाने मुझको आज भी किस बात का गुरुर है
उलझने हैं भरी दिख रहा जुनून है
सामने तू है नहीं लेकिन तू जरूर है
याद है तेरी बस यादों का ही कुसूर है
न जाने मुझको आज भी किस बात का गुरुर है