sulekhnii@gmail.com मत सोच क्या अंजाम होगा मत सोच क्या अंजाम होगा कुछ ना कुछ तो इंतज़ाम होगा नज़रे तो उसकी भी आके टिकती है मुझपर लेकिन रब जाने उसे कब मुझसे प्यार होगा... 24 सित॰ 2025
sulekhnii@gmail.com तुम मुझसे बात क्यों नहीं करती हो तुम मुझसे बात क्यों नहीं करती हो दिल में जो कुछ भी है वो क्यों नहीं कहती हो किसी बात से नाराज़ हो तो बता दो Sorry में हज़ार बार बोलूंगा बस तुम मेरी गलती बता दो... 23 सित॰ 2025
sulekhnii@gmail.com हाल अब जो भी हो सुनाया जायेगा हाल अब जो भी होगा सुनाया जायेगा एक दिन तुम्हें सब कुछ बताया जायेगा अभी तो दोस्त हम किसीको मनाने में लगे है वक्त पर सबको रडार पर लाया जाएगा... 20 सित॰ 2025
sulekhnii@gmail.com क़ाश बता पाता की धड़कन की रुमानी तुम्ही हो कुछ ख्वाहिसों का दरिया चलता रहा वो मुझसे मिलती गयी और मैं पिघलता रहा क़ाश बता पाता की धड़कन की रुमानी तुम्ही हो मगर कहने से हमेशा ये दिल उससे डरता रहा... 19 सित॰ 2025
sulekhnii@gmail.com कहानियां कितनी भी लिखू आबाद थोड़ी ना हो पाऊंगा कहानियां कितनी भी लिखू आबाद थोड़ी ना हो पाऊंगा मैं तुमको चाहता रहा इसकदर तो बर्बाद थोड़ी ना हो जाऊंगा तुम मिलों या ना मिलों जान ये तो वक़्त की बात है तुम मेरे किस्सों में रहती हो मैं कहानियों से तुम्हें ... 17 सित॰ 2025
sulekhnii@gmail.com वो मुझसे मिलती गयी और मैं पिघलता रहा कुछ ख्वाहिसों का दरिया चलता रहा वो मुझसे मिलती गयी और मैं पिघलता रहा क़ाश बता पाता की धड़कन की रुमानी तुम्ही हो मगर कहने से हमेशा ये दिल उससे डरता रहा... 16 सित॰ 2025
sulekhnii@gmail.com छुप छुप कर वो उसे चाहता है लेकिन बेवजह वो अकेला बैठता नहीं है ख्याल उसका आता है अकेला रहता नहीं है छुप छुप कर वो उसको चाहता है मगर किसी के सामने कभी कहता नहीं है... 15 सित॰ 2025
sulekhnii@gmail.com तुम्हे कितना लिखू कितनी बार लिखू तुम्हें कितना लिखू कितनी बार लिखू कहो तो सात समंदर पार लिखू दिन रात तो सोचता हूँ मैं तुम्हे अब क्या चाहती हो कि मैं तुम्हारे लिए पुरी किताब लिखू... 13 सित॰ 2025
sulekhnii@gmail.com बता दूं तुझे या बिन कहे छोड़ चला जाऊं बता दूं तुझे या बिन कहे छोड़ चला जाऊं अपनी चाहत को तेरे दामन में छोड़ चला जाऊं नज़्म बनके रह जाएगी तू मेरी तन्हाई में तुम अगर कहो तो मैं थोड़ी देर और ठहर जाऊं... 10 सित॰ 2025
sulekhnii@gmail.com धैर्य टुटा तो सब कुछ बर्बाद कर देंगे भरी जवानी में इजहार कर देंगे प्यार तुझसे है इंतजार कर लेंगे जितना खेलना है इस दिल से खेल लो जान धैर्य टुटा तो सब कुछ बर्बाद कर देंगे... 10 सित॰ 2025
sulekhnii@gmail.com इंसान झुक कर खुद को उठाना नहीं चाहता रूठा है कोई मगर बताना नहीं चाहता जानता है कोई मगर मनाना नहीं चाहता और ये दूरियाँ कही तन्हाई में ना बदल जाये इंसान झुक कर खुद को उठाना नहीं चाहता... 9 सित॰ 2025
sulekhnii@gmail.com मिली बहुत तुम्हारे जाने के बाद लेकिन "हम चाह कर भी तुम्हें भूला नहीं सकते याद तुम्हारी बहुत आती है खुद को यूँ सता नहीं सकते मिली बहुत तुम्हारे जाने के बाद लेकिन हर किसी से दिल की बात बता नहीं सकते तुमको हम कभी भुला नहीं सकते"... 7 सित॰ 2025