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मंजिलें

2 सितंबर 2025 by
sulekhnii@gmail.com

 मंजिलें चाहे कितनी भी दूर क्यों ना हो

सफर एक कर दूंगा 

तुझे पाने के लिए 

मैं इस दुनिया को भी छोड़ दूंगा 

"हम तेरे पुराने दीवाने थे"